5 जून को होने वाले चन्द्र ग्रहण में न करें में गलती
ये साल का दूसरा चंद्र ग्रहण होगा। जो 5 जून की रात में लगने जा रहा है। इसका असर सभी राशि के जातकों पर पड़ेगा। बता दें कि चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी आ जाती है। ये ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में लगेगा। चंद्र ग्रहण से नौ घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है जिस दौरान पूजा पाठ से लेकर किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किये जाते। 5 जून के बाद 21 जून को फिर से ग्रहण लगेगा। खास बात ये है कि ये दोनों ग्रहण भारत में दिखाई देंगे।
ग्रहण 5 जून की रात 11 बजकर 16 मिनट से शुरू होगा और इसकी समाप्ति 02:32 AM पर होगी। रात 12 बजकर 54 मिनट पर ये अपने पूर्ण प्रभाव में होगा। ग्रहण काल की कुल अवधि 03 घंटे 15 मिनट की होगी। उपच्छाया चंद्र ग्रहण होने की वजह से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
सावधानी - मान्यता है ग्रहण के दौरान खाना पीना नहीं चाहिए और न ही किसी भी तरह के शुभ कार्यों का प्रारंभ नहीं करना चाहिए। सूतक काल लगते ही गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना होता है क्योंकि इस दौरान नकारात्मक शक्तियां काफी प्रबल रहती हैं। जिसका बुरा असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ सकता है। ग्रहण काल के बाद स्नान कर लेना चाहिए। सूतक लगते ही खाने पीने की वस्तुओं में तुलसी के पत्ते डाल देने चाहिए। इस अवधि में चाकू, छुरी या तेज धार वाली वस्तुओं का प्रयोग न करें। ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिये महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
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ये साल का दूसरा चंद्र ग्रहण होगा। जो 5 जून की रात में लगने जा रहा है। इसका असर सभी राशि के जातकों पर पड़ेगा। बता दें कि चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी आ जाती है। ये ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में लगेगा। चंद्र ग्रहण से नौ घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है जिस दौरान पूजा पाठ से लेकर किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किये जाते। 5 जून के बाद 21 जून को फिर से ग्रहण लगेगा। खास बात ये है कि ये दोनों ग्रहण भारत में दिखाई देंगे।
ग्रहण 5 जून की रात 11 बजकर 16 मिनट से शुरू होगा और इसकी समाप्ति 02:32 AM पर होगी। रात 12 बजकर 54 मिनट पर ये अपने पूर्ण प्रभाव में होगा। ग्रहण काल की कुल अवधि 03 घंटे 15 मिनट की होगी। उपच्छाया चंद्र ग्रहण होने की वजह से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
सावधानी - मान्यता है ग्रहण के दौरान खाना पीना नहीं चाहिए और न ही किसी भी तरह के शुभ कार्यों का प्रारंभ नहीं करना चाहिए। सूतक काल लगते ही गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना होता है क्योंकि इस दौरान नकारात्मक शक्तियां काफी प्रबल रहती हैं। जिसका बुरा असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ सकता है। ग्रहण काल के बाद स्नान कर लेना चाहिए। सूतक लगते ही खाने पीने की वस्तुओं में तुलसी के पत्ते डाल देने चाहिए। इस अवधि में चाकू, छुरी या तेज धार वाली वस्तुओं का प्रयोग न करें। ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिये महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
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App ko pranam,app rudraksya mala jhejie,
ReplyDeletePhone pay no kyahai.