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Showing posts from January, 2020
 सच में मृत्यु बाद एक घण्टे तक आत्मा शरीर में रहती है? मौत के बाद क्या होता है. मृत्यु के बाद का सत्य क्या मृत्यु होते ही आत्मा शरीर को त्याग कर बाहर निकल जाती है. क्या होता है मृत्यु के ठीक बाद के कुछ पल में. मौत के बाद आत्मा कहाँ जाती है? मरने के बाद कितने दिन या समय तक आत्मा शरीर में रहती है? मृत्यु के बाद एक घंटे तक आत्मा शरीर नहीं छोडती , इसमें हमारे परिक्षण का दोष है। सम्पूर्ण मृत्यु तभी होती हैं जब आत्मा शरीर छोड़ देती है। एक घंटा पहले जो स्थिति होती है लक्षणों से हम उसे मृत्यु मान लेते है और इसी कारण कई बार मृत घोषित हो जाने के बाद भी व्यक्ति जीवित हो जाता है। यदि उसको कोई जानकार मिल गया तो। ऐसे उदाहरण जब तब मिलते रहे है। इसमें अन्तर हमारे समझने की है। शरीर का निष्क्रिय हो जाना मृत्यु नहीं है। क्योंकि धीरे धीरे फैली हुई ऊर्जा केंद्र की ओर सिमटती चली जाती है और शरीर निष्क्रिय हो जाता है। बैठी आत्मा शरीर छोड़ देती है। क्योंकि उसको बाँधने वाला पॉवर सर्किट बिखर गया होता है। सनातन धर्म के आचार्यों ने कहा है की शरीर के नष्ट होने से अनुभूतियों की शक्ति नष्ट नहीं
    माँ अपराजिता की कृपा प्राप्ति का मार्ग अगर आप आपकी जिंदगी में जब आपको कोई मार्ग न समक्ष में न आयें। अपने ही आपका साथ छोड़ दें। आपके परिवार के ऊपर किसी ने कुछ करा दिया हो। आपका कोई मुकदमा चल रहा हो। आपको किसी ने धोखा दिया हो पैसे लेकर भाग गया हो। अगर किसी ने आपका व्यापार बाध दिया हो। किसी ने आपके ऊपर मारण प्रयोग किया हो। या किसी ने आप पर वशीकरण किया हो। और आप तान्त्रिक के चक्कर लगा लगा कर थक गये हैं। अपना पैसा बर्बाद कर रहें हैं। फिर भी कोई लाभ नहीं मिल रहा हैं। तो आपके लिए ये साधना सर्वोत्तम हैं। इसके समान और कोई भी साधना नहीं बनी हैं। माँ अपराजित की शरण में जो भी व्यक्ति आ जाता हैं। वह त्रिलोक विजयी बन जाता हैं। उसे संसार कोई भी पराजित नहीं कर सकता हैं। केस, वशीकरण सम्मोहन, मारण, बन्धन इनकी दृष्टि पड़ते ही समाप्त हो जातें हैं। बड़े से बड़ा तात्रिंक भी अपनी सम्पूर्ण शक्ति लगा दें। फिर भी इनकें साधक को छू भी नहीं सकता। इनकी कृपा मात्र से ही आपको न शत्रु का भय रहता हैं। न भूत का भय, न  पेत का भय, न  चुड़ैल का भय, न डाकिनी का भय, न  शाकिनी का भय, न  गर्धव का भय, न
    वज्रेश्वरी साधना - पाये  देह वज्र के समान शरीर  कई बार अच्छा आहार लेते है,अच्छा भोजन करते है जिससे की हमारा शरीर स्वस्थ्य रहता है।परन्तु कई ऐसे लोग है जिन्हें अच्छे आहार लेने के बाद भी शरीर कमज़ोर ही लगता है।शरीर में बल की कमी रहती है,वे स्वयं को बहुत कमज़ोर महसूस करते है।प्रस्तुत साधना साधक की शारीरिक तथा मानसिक दुर्बलता को दूर कर देती है।चाहे वो दुर्बलता कैसी भी क्यों न हो।पुरुष में पूर्ण पौरुष का जागरण हो जाता है।तथा वे स्वयं के अन्दर एक उर्जा का अनुभव करने लगते है। स्त्री को इससे सौंदर्य की प्राप्ति होती है।तथा एक विशेष लाभ ये है की जो बार बार बीमार होते है,उनकी ये समस्या का हल हो जाता है।और एक साधक के अन्दर साधनात्मक बल के साथ साथ शारीरिक बल होना अति आवश्यक है।  अतः माँ वज्रेश्वरी की शरण में जाये,और प्राप्त करे वज्र की तरह देह तथा मन। दिन व सावधानी साधना किसी भी शुभ दिन शुरू की जा सकती है.  योग्य गुरु के निर्देशन में या गुरु अनुमति के विना नहीं करनी चाहिए।नवरात्री,होली,पुष्य नक्षत्र आदि कभी भी की जा सकती है। या ये संभव न हो तो किसी भी पूर्णिमा
आज के जमाने की अप्सरा  आज के इस दौर में जैसे ही आप यू-टयूव या गूगल पर जैसे ही अप्सरा सर्च करतें हैं। लाखों की संख्या में पेज या वीडियो खुल कर आ जातें हैं। कुछ तो यह भी दाबा करते हैं कि वो मात्र 2 घण्टे या 2 दिन में आपको अप्सरा की सिद्ध करा देगें। बस आपको इतना करना हैं। कि आपको उनके अकाउंट में पैसे जमा कराने । और  1 बार पैसे जमा होने बाद अप्सरा आपकी और उसकी शक्ति भी आपकी। पर हकीकत में ऐसा नहीं होता हैं। क्योंकि अगर ऐसा होता तो हर व्यक्ति के पास अप्सरा होती है। वास्तव में असली खेल तब शुरू होता है ं । जब आप पैसे जमा करा देते हैं। फिर आप उनकी दी हुई फेक विधि से अप्सरा साधना करते ं है। जिससे कभी कुछ नहीं होता। क्योंकि वो विधि ही गलत थी। जिसकी वजह से आपका पैसा गया और समय भी गया। उसके बाद आपने उनसे सम्पर्क किया। कुछ ने आपको बिलौक कर दिया या जवाब ही नहीं दिया।  अब आते हैं इसी में कुछ और लोग। जो यह कहते हैं। कि आपकी माला या यंत्र सही नहीं हैं। अब आप फिर रुपये जमा कराओ मैं आपको माला या यंत्र दूगां। आपने फिर रुपये जमा करा दिये। उसके बाद उनका 1 मैसेज और आता हैं। कि माला और यंत्र जाग्रत क
चंद्रग्रहण किस राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा चंद्रग्रहण 10 जनवरी 2020 पर पड़ने वाला हैं। यह आशिक से भी कम प्रभावशाली हैं । पर अपना प्रभाव तो अवश्य दिखायेगा।  जनवरी को साल का पहला चंद्र ग्रहण लग रहा है। यह उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा जो मिथुन राशि में लगेगा। सभी राशियों पर इसका शुभाशुभ प्रभाव देखने को मिलेगा। आइए जानते हैं 12 राशियों पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव... मेष आपके साहस और पराक्रम में कमी आ सकती है। भाई-बहनों से कहा सुनी और बदनामी के योग बन रहे हैं। मान-सम्मान में कमी होगी। वृषभ ग्रहण के प्रभाव से आपकी वाणी में कड़वाहट आ सकती है। धन हानि के योग बन रहे हैं। खर्चे बढ़ने की प्रबल संभावना है। मिथुन ग्रहण का आपकी सेहत पर विपरीत असर पड़ेगा। वैवाहिक जीवन पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। पार्टनर के साथ अनबन रहेगी। कर्क विदेश जाने के योग बन रहे हैं। आपके बढ़े हुए खर्चों पर लगाम लगेगी। हालांकि सेहत पर विपरीत असर पड़ सकता है। सिंह ग्रहण का आपकी आमदनी पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। बड़े भाई बहनों के साथ संबंध खराब हो सकते हैं। छात्रों पर भी इसका बुरा अस