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Showing posts from February, 2020
ध्यान सिर्फ आंख बंद करके बैठना नहीं हैं  आपने बहुत सी विडियो देख कर साधना करने का भी मन बनाया होगा। अप्सरा साधना भी आपने करने की सोची होगी। पर समस्या एक ही आती हैं। ध्यान की ये है क्या और होता कैसे हैं। आइये जानते हैं। ध्यान की बारीकियों कों  मन को किसी बिंदु ,व्यक्ति या किसी वस्तु पर एकाग्र करना और उसमे लीन हो जान ध्यान   है. ईश्वर की उपासना का सर्वोच्च तरीका ध्यान ही माना जाता है. वाह्य पूजा उपासना के प्रयोग के बाद जिस पद्धति से ईश्वर की उपलब्धि हो सकती है, वह ध्यान ही हो सकता है. केवल आंखें बंद करना ध्यान नहीं है, चक्रों पर ऊर्जा को संतुलित करना भी आवश्यक होता है. ध्यान एक प्रक्रिया है, जो कई चरणों के बाद हो पाता है. इन कई चरणों में पहले चक्रों को ठीक किया जाता है. ध्यान की सिद्धि के बाद व्यक्ति अनंत सत्ता का अनुभव कर पाता है, और इसे समाधि  कहा जाता है. तमाम गुरुओं और आचार्यों ने ध्यान की अलग अलग विधियां बताई हैं, पर सबके उद्देश्य एक ही हैं - ईश्वर की अनुभूति । ध्यान के बिषय हर व्यक्ति का अलग अलग मत हैं। पर इसका मूल अर्थ है ं । आसन भाषा में बताऊँ तो ध्यान
रहस्यमई साधना भैरवी चक्र साधना भैरवी चक्र साधना आज तक गुप्त क्यों हैं?  आपने बहुत से पोस्ट पढ़े होंगे । बहुत चैनलों पर देखा भी होगा । आपके मन‌ में ये विचार आया होगा । क्या वास्तव में सम्भोग द्वारा भी शक्ति मिलती हैं ? सभी ने आपको लुभाने वाले फोटो व पोस्ट लिखे होंगे पर दिखायें भी होंगे । जिससे आपका मन और विचलित हुआ होगा पर किसी ने इसके बिषय में पूरी जानकारी नहीं दी होगी ।  क्यों क्यों हम बताते हैं ।क्यों ये साधना बहुत ही गुप्त साधना हैं । इसकी जानकारी सिर्फ गुरू सिर्फ 100 में से 1 शिष्य को देता हैं‌। इसीलिए  उनके पास इसकी जानकारी नहीं होती हैं । तो बो देंगे कहा से बो बस आपको लुभा कर आपसे मजा लेना चाहिते हैं । इसलिए आप लोग सावधान रहें अपने पैसें और अपना सम्मान बचा कर रखें ।  अब बात आती हैं इस साधना की आईयें जानतें हैं । भैरवी  चक्र साधना  लोग इसे “श्री विद्या” भी कहते हैं , परन्तु ‘श्री विद्या’ – ‘भैरवी विद्या’ का वैदिक कृत रूप हैं। भैरवी विद्या सम्पूर्ण रूप से वाममार्ग के विभिन्न पंथों एवं समुदायों की विद्या हैं। इसलिए ये गुप्त साधना हैं । एक पुरुष